क्या करेगी सरकार?
जब से ये मनमोहन सरकार बनी है तब से आज तक मैंने सरकार की इतनी किरकिरी नहीं देखी थी| लोकपाल के मुद्दे पर सरकार की इतनी फजीहत हो गयी है की अब तो सांप-छछूदर वाली बात हो गयी है| ये लोकपाल मुद्दा सरकार के गले में ऐसे फंस गया है जिसे वह न तो निगल पा रही है,
न ही उगल पा रही है| पूरे देश में अन्ना की आंधी इस कदर चल रही है जो रुकने का नाम नहीं ले रही है | जनता में दिन-प्रतिदिन इतना आक्रोश बढता जा रहा है कि सरकार बेबस और लाचार नज़र आ रही है| कुछ लौग प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी को निजी तौर पर एक उदार,विनम्र,ईमानदार,आदर्शवादी और प्रखर अर्थ-शास्त्री छवि वाले व्यक्ति के रूप में देखते है ,पर मुझे तो लगता है कि इस 'अन्ना आन्दोलन ' में अब उनकी व्यक्तिगत छवि भी प्रभावित हो रही है| अब ऐसे में माननीया सोनियागाँधी उन्हें क्या मार्गदर्शन देती है और क्या करते है बेचारे प्रधानमंत्री और क्या करेगी उनकी सरकार ?

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