Thursday, August 11, 2011

सच्चे मित्र कि कैसे करे पहचान?




सच्चे मित्र कि कैसे करे पहचान?

यूँ  किसी  अच्छे मित्र को पहचानना बड़ा ही मुश्किल है क्योकि अच्छे या बुरे मित्र  की पहचान के लिए कोई पैमाने नहीं बने होते न  ही किसी यांत्रिक परिक्षण द्वारा ही ये संभव है पर थोड़े विवेक और समझदारी के साथ इनकी पहचान की जा सकती है की अमुक व्यक्ति कैसा है?
सच्ची मित्रता के मूल में निह्स्वर्थात,त्याग,समर्पण,साक्ख्य,अपनत्व तथा सहयोग छुपा होता है और इनकी गाढ़े वक्त में पहचान होती है! तुलसी बाबा ने भी लिखा है की 'धीरज धर्म मित्र औरि नारी,आफत काल परखिये चारी' अर्थात  सच्चे  मित्र कीपहचान  मुश्किल घड़ी में ही होती   है! परन्तु  यहाँ अक्सर ऐसा होता है कि हम मित्र बनाते समय ज्यादा सोच-विचार नहीं करते और जो मन को अच्चा लगे उसी को मित्र मान लेते है!ऐसी दोस्त जिंदगी में हवा के झोंके कि तरह  आती है और कुछ समय बाद  ओझल हो जाती है!
सच कहें तो  साथ रहने और मित्रता में काफी अंतर है! सच्चा मित्र वही है जो सुख-दुःख में आप का साथ दे,वह आप को उतना ही चाहे जितना अपनेआप को! वह सदैव आप के हित को स्वहित समझकर समर्पित रहे और सदैव आपके साथ कदम से कदम मिलकर चलने के लिए प्रतिबद्ध हो!

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