मार्गदर्शन
बहुत दिन गुना
और बाद में
हमने उनको चुना
ये सोचकर कि
वे समाज सेवा में
अपना जीवन अर्पण करेंगे
हमारा 'मार्गदर्शन' करेंगे
परन्तु हाय चुनकर आते ही
उन्होंने अपने आप को
'राजनीति' से जोड़ लिया
मार्गदर्शन तो दूर रहा
'मार्ग' में 'दर्शन' देना
भी छोड़ दिया...........!
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