सफ़र
मुमकिन है सफर हो आंसा आ साथ चलकर देखेँ। कुछ तुम भी बदलकर देखो कुछ हम भी बदलकर देखेँ।।
Wednesday, March 14, 2012
दोस्त
चलो दोस्त कोई
ऐसा बनाया जाये!
जिसके आसुओं को
पलकों में छुपाया जाये!
हो मेरा उसका रिश्ता
ऐसा की वो उदास हो
तो हमसे भी रहा न जाये!
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