Sunday, February 5, 2012

इक्कीसवीं सदी में ढूढ़ते रह जाओगे (2)

चीजों में कुछ चीज़े,
बातों में कुछ बातें,
जिन्हें कभी नहीं,
देख पावओगे!
इक्कीसवीं सदी में,
ढूढ़ते रह जाओगे!!

भरत सा भाई,
लक्ष्मण सा अनुयायी,
चूड़ी भरी कलाई,
शादी में शहनाई,
बुराई की बुराई, 
सच में सच्चाई, 
गरीब की खोली, 
आँगन में रंगोली, 
परोपकारी बन्दे, 
अर्थी को कंधे, 
शिक्षक जो सच में पढाये,
अफसर जो रिश्वत न खाए, 
बुद्धजीवी जो राह दिखाए,
कानून जो न्याय दिलवाए,
बाप जो समझावे,
बेटा जो समझ पावे,

ढूढ़ते रह जाओगे!!

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