Tuesday, January 31, 2012

इक्कीसवीं सदी में ढूढ़ते रह जाओगे(1)

चीजों में कुछ चीज़े,
बातों में कुछ बातें,
जिन्हें कभी नहीं,
देख पावओगे!
इक्कीसवीं सदी में,
ढूढ़ते रह जाओगे!! 
बच्चों में बचपन,
जवानों में यौवन,
शीशों में  दरपन,
जीवन में सावन,
गाव में अखाड़ा,
शहर में सिंघाड़ा,
टेबल की जगह पहाडा,
और पजामे में नाड़ा,
आँखों में पानी,
दादी की कहानी,
प्यार के दो पल,
नल-नल में जल,
संतों की बानी,
कर्ण जईसा दानी,
घर में मेहमान,
मनुष्यता की सम्मान,
पड़ोस की पहचान,
ब्रज का फाग,
आग में आग,
ढूढ़ते रह जाओगे!! 

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