मुमकिन है सफर हो आंसा आ साथ चलकर देखेँ।
कुछ तुम भी बदलकर देखो कुछ हम भी बदलकर देखेँ।।
Wednesday, July 13, 2016
ख्वाब ऐसे हैं...
कुछ ख्वाब ऐसे हैं कि दिल में रहते ही नहीं, और दिल से निकलते भी नहीं अजीब सा रिश्ता है खुद से उन ख्वाबों का मिलने से इंकार भी नहीं लेकिन मिलते भी नहीं हर सिम्त हर कदम साथ चलते है लेकिन पांवों से लिपटते भी नहीं और बिछड़ते भी नहीं
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