कहीं चला गया हूँ
बस स्थिर हो गया हूँ
बोल नहीं सकता हूँ
पर देख सकता हूँ
सुन सकता हूँ
क्योंकि मै जीवित हूँ...
तुम्हारी यादों में
तुम्हारे आँगन में
देखना तुम मुझे
बदलते मौसम में
खिलते हुये फूलों में
सपनों के महल में
अपने कर्तव्यों में...
जो तुम्हें मिला है
इसे संभालना
लगन से संवारना
विश्वास बनाए रखना
प्रगति के पथ पर
अग्रसर रहना...
मै जीवित रहूँगा
तुम्हारे हर लम्हों में

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