कानून की व्याख्या में उलझी शिक्षकों की भर्ती
जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद :
क्या सही है और क्या गलत इसका फैसला तो अब हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ करेगी
लेकिन कानून की अलग-अलग व्याख्या ने शिक्षक भर्ती को उलझा दिया है। इससे
नियुक्ति की बाट जोह रहे अभ्यर्थियों को लंबाइंतजार करना पड़ सकता है।वस्तुत: प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी की अनिवार्यता
शुरू से ही विवादों का घर रही है। पहले इसकीपरीक्षा को लेकर विवाद और बाद
में बीएड अभ्यर्थियों के मामले ने इसे और उलझा दिया। टीईटी की गाइडलाइन
पूरे देश के लिए तय की गई थी लेकिन राज्य सरकार ने शिक्षकों की भर्ती में
बीएड अभ्यर्थियों के लिए राह खोलकर तमाम विवादों को जन्म दे दिया। बीएड
अभ्यर्थियों के अपने तर्क हैं और उनकी एक बड़ी संख्याहै इसलिए उन्हें
उपेक्षित करना आसान नहीं था। इसी वजह से बड़ी संख्या में याचिकाएं अदालतों
में दाखिल हुईं।हाईकोर्ट में मतभिन्नता से अब यहमामला पूर्ण पूठ को
संदर्भित हुआहै जिससे एक निश्चित नतीजे परपहुंचने की उम्मीदें बढ़ गई
हैं।वैसे अदाल...तों की अलग-अलग राय ने एक बहस भी सामने ला दी है
कि किसीनिश्चित गाइडलाइन को राज्य सरकार क्या तोड़-मरोड़ सकती है? जहां तक
टीईटी का सवाल है तो कई राज्यों में ने इसे सफलतापूर्वक अपना लिया है और
वहां शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सही राह पर चल पड़ी है।
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विशेष अपील भी खंडपीठ के हवाले
टीईटी की
अनिवार्यता वाले एक अन्य एकल न्यायपीठ के फैसले के खिलाफ दाखिल विशेष अपील
को भी पहले से गठित पूर्ण पीठ के समक्षसुनवाई के लिए भेज दिया गया। नवीन
श्रीवास्तव व अन्य की विशेषअपील की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट के
न्यायमूर्ति सुशील हरकौली तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की खण्डपीठ ने प्रकरा
को पूर्ण पीठ के समक्ष रखने के लिए मुख्य न्यायाधीश को संदर्भित कर दिया
है। कोर्ट ने कहा है कि विशेष अपील का फैसला पूर्ण पीठ के द्वारा होने वाले
फैसले से प्रभावित होगा। ऐसे में दोनों मामलों की अलग-अलग सुनवाई किए जाने
का औचित्य नहीं है।
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टीईटी पास होना अनिवार्य है
किंतु शासनादेश के तहत बीएड डिग्रीधारक भी सहायक अध्यापक बन सकते हैं। शर्त
यह होगी कि नियुक्ति के बाद उन्हें 6 माह काप्रशिक्षण लेना होगा।
-खंडपीठ का आदेश
टीईटी पास होना सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अनिवार्य
है। जब टीईटी अभ्यर्थी नहीं होंगे तब आवश्यक होने पर बीएड की नियुक्तिकी जा
सकेगी किंतु वे भीबाद में टीईटी पास करेंगे।
-न्यायमूर्ति अरुण टंडन
टीईटी शिक्षक भर्ती के लिए ग्रीनकार्ड की तरह है। कानूनी उपबंधोंकी सही
व्याख्या किया जाना जरूरीहै इसलिए प्रकरण वृहदपीठ को संदर्भित किया जाए।
-न्यायमूर्ति एपी साही
शिक्षक भर्ती में बीए, बीएससी के साथ बीएड
उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शामिल करने के आदेश का अनुपालन किया जाए। एक माह
के भीतर इस इस पर कार्यवाही हो।
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