Sunday, March 31, 2013

अंत की ओर मित्रता ...

आजकल मित्रता करना एकदम आसान हो गया है,घर बाहर ऑफिस हो या स्कूल एक दूसरे का मित्र बाने की होड सी मच गयी है|पर ये मित्रता आज की स्वार्थी दुनिया में कुछ ही पग दम तोड़ देती है| दो महिलाओं या दो पुरुषो के बीच कितनी ही प्रगाढ़ मित्रता क्यों न हो यह मित्रता स्थायी नहीं रह सकती|
समय व परिस्थितियों के कारण मित्रता की स्थिति बनती और बिगड़ती रहती है| जीवन में समय समय पर होने वाले परिवर्तनों जैसे निवास,विवाह,तलाक,नौकरी-प्रमोसन जैसी समस्याओं के कारण व्यक्ति इतना व्यस्त हो जाता है कि चाहते हुये भी इस मित्रता को निभा नहीं पाता और 50% दोस्ती ऐसे ही समाप्त हो जाती है|
प्यार मुहब्बत और मित्रता में आपस में दो दिलो कि भावनाओं का आदान प्रदान होता है और जब किसी एक तरफ से आदान प्रदान में कमी होती है तो मित्रता कि कसौटी में फर्क आने लगता है और लगभग 20% मित्रताओं का अंत हो जाता है |
दो मित्रों के रिश्तों के बीच में एक दूसरे के प्रति ईमानदारी और वफादारी की पारदर्शिता होनी चाहिए क्योंकि ये भावनात्मक रिश्ते विश्वास की कसौटी पर कसे जाते है और इसमें अविश्वास का कीड़ा लग गया तो 20% मित्रताओं का अंत अविश्वास की भेंट चढ़ जाता है और तो और आज एक दूसरे से आगे निकलने के चक्कर में दोस्ती मे ईर्ष्या भी एक दूसरे मित्र के बीच अविश्वास की खाई को बढ़ाती जा रही है|
मित्रता में मधुर संबंध सदैव बने रहे इसके लिए क्या किया जाय? हमें मित्रता के इस भावात्मक रिश्ते में दिन प्रतिदिन होते अंत की रोकथाम के लिए क्या करना चाहिए? मैंने अपने एक मित्र से सुना है कि 'किसी से रिश्ते बनाना उतना ही आसान है जितना मिट्टी से मिट्टी पर मिट्टी लिखना पर इसे निभाना उतना ही कठिन है जितना पानी से पानी पर पानी लिखना'शायद ये लाईने मित्रता के संदर्भ में सटीक बैठती है |   

                
 

Saturday, March 30, 2013

समस्या सम्प्रेषण की...

प्रत्येक व्यक्ति जब किसी अंजान व्यक्ति से मिलता है तो वे एक दूसरे के बारे में कुछ नहीं जानते है| कुछ व्यक्ति ऐसे भी होते है होते है जो कई घंटे की यात्रा भी कर डालते है पर बगल वाले व्यक्ति से बात तक नहीं कर पाते|इसके पीछे कई कारण हो सकते है परंतु सबसे प्रमुख कारण संकोच का न त्यागना व भाषा संबंधी कठिनाई हो सकती है| किसी व्यक्ति से संबंध स्थापित करने के लिए यह आवश्यक है कि उस व्यक्ति को हम अपने भावो,विचारो और आवश्यकताओ के बारे मे अपनी भाषा द्वारा प्रभावित कर सकें| यह तही संभव होगा जब दूसरा व्यक्ति भी उस भाषा को अच्छी तरह बोलता और समझता हो| यही कारण है कि व्यक्ति हिन्दी भाषा का अच्छा विद्वान होते हुये भी यदि किसी गोष्ठी मे जाता हो जहां अंग्रेजी में ही सम्पूर्ण कार्यवाही हो रही हो तो मात्र मूकदरशक व श्रोता बनने के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं कर सकता है |   

      

Tuesday, March 26, 2013

Happy Holi


Cover with colour of love and trust,heart with joy and cherish.life fill with sweetest of guzhiya if wishes will be in thousand of coloures then I would send you the most brightest colour to wish you a very hapy holi.

होली मुबारक हो…

मेरे रंगरेज रंग दे मुझे ऐसे !
सब रंग मिले हो इंद्रधनुष मे जैसे!!
राधा का रंग और कान्हा की पिचकारी!
प्यार के रंग से रंग दो दुनिया सारी!!
ये रंग न जाने कोई जात न कोई बोली !
मुबारक हो आपको रंग भरी होली!!


Sunday, March 17, 2013

मुहब्बत में हमने ...

कुछ दिन पहले मोहब्बत को
मोहब्बत समझ लिया हमने
मुहब्बत हुई मोहब्बत को
अपना समझ लिया हमने
मोहब्बत में इस कदर
मदहोश हो गए
इस की बेवफ़ाई को
वफा समझ लिया हमने
ज़ख़म इस कदर
मोहब्बत ने दिये
इन ज़ख्मो को फूल
समझ लिया हमने
मोहब्बत की चीख ओ
पुकार इस कदर थी
लोगो के रोने को
आसना समझ लिया हमने 
मोहब्बत की शिदत में
आँखें इस कदर चौंधिया गए
हर चमकती हुई चीज़ को
सोना समझ लिया हमने
दीवाना इस कदर
मोहब्बत ने बनाया हमको
अपनों को बेगाना और उनको
अपना समझ लिया हमने
मोहब्बत की यादें दिल पर
कुछ यूं नक्श कर गए
भूलने की कोशिश में
खुद को ही भुला दिया हमने 










Wednesday, March 13, 2013

कानून की व्याख्या में उलझी शिक्षकों की भर्ती

जागरण ब्यूरो, इलाहाबाद : क्या सही है और क्या गलत इसका फैसला तो अब हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ करेगी लेकिन कानून की अलग-अलग व्याख्या ने शिक्षक भर्ती को उलझा दिया है। इससे नियुक्ति की बाट जोह रहे अभ्यर्थियों को लंबाइंतजार करना पड़ सकता है।वस्तुत: प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी की अनिवार्यता शुरू से ही विवादों का घर रही है। पहले इसकीपरीक्षा को लेकर विवाद और बाद में बीएड अभ्यर्थियों के मामले ने इसे और उलझा दिया। टीईटी की गाइडलाइन पूरे देश के लिए तय की गई थी लेकिन राज्य सरकार ने शिक्षकों की भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों के लिए राह खोलकर तमाम विवादों को जन्म दे दिया। बीएड अभ्यर्थियों के अपने तर्क हैं और उनकी एक बड़ी संख्याहै इसलिए उन्हें उपेक्षित करना आसान नहीं था। इसी वजह से बड़ी संख्या में याचिकाएं अदालतों में दाखिल हुईं।हाईकोर्ट में मतभिन्नता से अब यहमामला पूर्ण पूठ को संदर्भित हुआहै जिससे एक निश्चित नतीजे परपहुंचने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।वैसे अदाल...तों की अलग-अलग राय ने एक बहस भी सामने ला दी है कि किसीनिश्चित गाइडलाइन को राज्य सरकार क्या तोड़-मरोड़ सकती है? जहां तक टीईटी का सवाल है तो कई राज्यों में ने इसे सफलतापूर्वक अपना लिया है और वहां शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सही राह पर चल पड़ी है।
---------------
विशेष अपील भी खंडपीठ के हवाले
टीईटी की अनिवार्यता वाले एक अन्य एकल न्यायपीठ के फैसले के खिलाफ दाखिल विशेष अपील को भी पहले से गठित पूर्ण पीठ के समक्षसुनवाई के लिए भेज दिया गया। नवीन श्रीवास्तव व अन्य की विशेषअपील की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुशील हरकौली तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की खण्डपीठ ने प्रकरा को पूर्ण पीठ के समक्ष रखने के लिए मुख्य न्यायाधीश को संदर्भित कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि विशेष अपील का फैसला पूर्ण पीठ के द्वारा होने वाले फैसले से प्रभावित होगा। ऐसे में दोनों मामलों की अलग-अलग सुनवाई किए जाने का औचित्य नहीं है।
---------------
टीईटी पास होना अनिवार्य है किंतु शासनादेश के तहत बीएड डिग्रीधारक भी सहायक अध्यापक बन सकते हैं। शर्त यह होगी कि नियुक्ति के बाद उन्हें 6 माह काप्रशिक्षण लेना होगा।
-खंडपीठ का आदेश
टीईटी पास होना सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अनिवार्य है। जब टीईटी अभ्यर्थी नहीं होंगे तब आवश्यक होने पर बीएड की नियुक्तिकी जा सकेगी किंतु वे भीबाद में टीईटी पास करेंगे।
-न्यायमूर्ति अरुण टंडन
टीईटी शिक्षक भर्ती के लिए ग्रीनकार्ड की तरह है। कानूनी उपबंधोंकी सही व्याख्या किया जाना जरूरीहै इसलिए प्रकरण वृहदपीठ को संदर्भित किया जाए।
-न्यायमूर्ति एपी साही
शिक्षक भर्ती में बीए, बीएससी के साथ बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शामिल करने के आदेश का अनुपालन किया जाए। एक माह के भीतर इस इस पर कार्यवाही हो।
 

Sunday, March 10, 2013