Saturday, May 19, 2012

कह दे प्यार...

कह दे प्यार दोस्त से 
बेवफा न समझे!
नज़रों से दूर सही पर 
दिल से दूर न समझे! 
यादेँ अभी भी उसकी 
मेरे दिल में है महफूज़ 
व़ो किसी और पर 
मुझे फ़िदा न समझे!!
उसकी बेरुखी ने कुछ 
इस तरह किया है सितम  
उब गया हूं ज़िन्दगी से 
वो मुझे जिंदा न समझे!
मैं तो बस एक अदना 
सा इन्सान हूँ दोस्त 
बेवज़ह मुझे यूँ ही 
अब खुदा न समझे!! 



 

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