Friday, April 27, 2012

आ प्यार दे दूँ!

आ  खिले अधरों को
एक प्यारा सा उपहार दे दूँ ! 
इन शर्मीली आँखों को
क सुनहला संसार दे दूँ!
इन सुर्ख हो चले कपोलो पर
प्यार की बौछार दे दूँ ! 
हृदय के स्पंदन को
एक अचूक उपचार दे दूँ !
इन तड़पती आहों को
तृप्ति का पैगाम दे दूँ !
अंगड़ाई लेती काया को
बाँहों में विश्राम दे दूँ !
गर्म सांसे कहीं व्यर्थ न जाये
आ उन्हें एक प्रवाह दे दूँ !
थक न जाये चाँद सा मुखड़ा
वक्षस्थल पर ठहराव दे दूँ !



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