Monday, January 14, 2013

बता दे ...

बता दे सिर्फ
इतना मेरे सथिया
क्या मांगा था तुझसे
एक मुहब्बत के सिवा?
तुमसे मुझे तेरा प्यार
न मिले पर नफरत तो
जी भर के मिली
अब कैसे समझाऊँ तुझे?
अपने इस कमबख्त दिल को
अपनी दास्तानें वफा
रब ही जानता है!!
कैसे तेरे बगैर जीते है हम
उफ़ ये कैसी सज़ा दे दी तुमने ?
कि अब खामोश रहकर भी
तेरी यादों से बातें होती है !



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