Thursday, December 22, 2011

नज़रों से अपनी



नज़रों से अपनी प्यार  का पैगाम दे गए
वो दिल की धडकनों को ही नाम दे गए!
दमन झटक के चल दिए वो बेरुखी के साथ
पल भर में मुझको सैकड़ों इलज़ाम दे गए!
दाग-ए-जुदाई, दाग-ए-जिगर,दाग-ए-आरजू
वो जाते-जाते मुझको ये इनाम दे गए !
वो ज़िन्दगी  से मेरे चले गए मगर 
इलज़ाम  कई दे गए तो  कई ले गए !
आये थे मेरी जिंदगी में 'अर्जुन' लम्हे कुछ ऐसे
सुबह-ए-बहार ले गए और शाम ए गम दे गए!


1 comment: