Sunday, May 12, 2013

कब मिलते है ?

जिन से दिल मिलते है
वो लोग कब मिलते है?
जो दिल को खुशी दें
वो पल कब मिलते है? 
जो पावों को ठंडक दे
वो पथ कब मिलते है?
जो प्यास बुझा दे
वो घन कब मिलते है?
कष्ट में भी सुकून दे
वो दर्द कब मिलते है?
जिंदगी भर साथ दे
वो मी
कब मिलते है?
मंजिल तक जो साथ दे
वो हमराह कब मिलते है?
गिरने से पहले ही थाम ले 
वो सहारे कब मिलते है? 


Sunday, May 5, 2013

दर्पण

वह दर्पण जो तुम लाये थे
उसके रुख को मोड दिया है.
पर दूसरे में भी तुम थे
उसको मैंने तोड़ दिया है
मगर अब तो ऐसा लगता है..
कि हर दर्पण में तुम्ही तुम हो
इसलिए अब तो मैंने दर्पण के
सामने ही जाना छोड़ दिया है...