दिल एक सा होखे के चाही !
दोस्तो! आज के बुराईयाँ के नज़रअंदाज़ ना काइल जा सकेला,कहे से की आज हरेक क्षेत्रं मे गिरावट आ गाईल बा ! आज चारो तरफ झूठ बेईमानी फरेब हत्या बलात्कार भ्रास्तचार जातिवाद साम्राज्यवाद क्षेत्रवाद जाइसन असामाजिक बुराइयाँ क बोलबाला बा,आ सबसे चिंता के बात ई बॅया की हमनियो के मानवीया संवेदना सुखट जा रहाल बा| आ हूमणिए मे से कुच्छ लोग ई सब आँख से देख के भी चुप रह जात हयिन !
एकरे मूल मे एहे बा की हम सब अपने आप तक ही सीमित रह जात बनी जा|,जहा तक हमरा के बुझला की एकर मुकाबला काइल जा सकेला, जब हम सब ई उँछ नीच बर छ्होट जाती पाती क्षेत्रवाद आ अपन पराया जाइसन छ्होट छ्होट बात के भुला के सबका के एक समझीन जा लेकिन ई तबे संभव बा जब हम सेबिन के विचार भी एक होखे| ता एकरा बड़े ई जरूरी बा की हमणि के दिल भी एक जाइसन होखे|!!!
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