प्रणाम आ जय भोजपुरी !
प्रेम ही जीवन बा आ प्रेम ही जीवन के आधार बा !
प्रेम शाश्वत बा आ प्रेम ही पूजा बा ! प्रेम एह संसार
क दिव्याजयोति किरण बा!प्रेम ईगो जज़्बा आ जुनून बा!
प्रेमईगो बंधनरूपी उ ताक़त बा जेकरा के कोई ना डिगा
सकेला बकीन त प्रेम अँधा भी होखेला!प्रेम ईगो असीम
मान्यता बा!वैसे सचे कही त जीवन के मूले मे प्रेम बा
आ हमनियो के हर तरफ से एकरा से बधल हाई जा !
प्रेम ही संसार बा हरेक लोग भी काउनो न काउनो रूप
मे एकरा से ज़रूरे जुड़ाल हावें आ प्रत्येक प्राणी के
मान मे ई दीपक जल रहाल बा!धनी हावें उः लोग जेकरा
के कोई के प्यार मिल रहाल बा !वैसे त प्रेम के काई गो
रूप होखेला बकीन त हमारा के बुझला की " मन मे उथल
उ तरंग जेवन प्राणी के बावरा आ मदहोश कर् देवे शायद
उही अवस्था के नाम प्रेम बा" ! रौर का लगता -अर्जुन ?
प्रेम ही जीवन बा आ प्रेम ही जीवन के आधार बा !
प्रेम शाश्वत बा आ प्रेम ही पूजा बा ! प्रेम एह संसार
क दिव्याजयोति किरण बा!प्रेम ईगो जज़्बा आ जुनून बा!
प्रेमईगो बंधनरूपी उ ताक़त बा जेकरा के कोई ना डिगा
सकेला बकीन त प्रेम अँधा भी होखेला!प्रेम ईगो असीम
मान्यता बा!वैसे सचे कही त जीवन के मूले मे प्रेम बा
आ हमनियो के हर तरफ से एकरा से बधल हाई जा !
प्रेम ही संसार बा हरेक लोग भी काउनो न काउनो रूप
मे एकरा से ज़रूरे जुड़ाल हावें आ प्रत्येक प्राणी के
मान मे ई दीपक जल रहाल बा!धनी हावें उः लोग जेकरा
के कोई के प्यार मिल रहाल बा !वैसे त प्रेम के काई गो
रूप होखेला बकीन त हमारा के बुझला की " मन मे उथल
उ तरंग जेवन प्राणी के बावरा आ मदहोश कर् देवे शायद
उही अवस्था के नाम प्रेम बा" ! रौर का लगता -अर्जुन ?

