आओ हम अभिनंदन कर लें।
नए वर्ष का वंदन कर लें।।
नव प्रभात की स्वर्ण-रश्मियाँ,
मंगल कलश लिए आईं।
भरें नई स्फूर्ति प्राण में,
दिन बन जाएँ सुखदाई।।
थके-तपे जीवन को फिर से,
नए वर्ष में चंदन कर लें।
चुभे न कोई खार किसी के,
बिछें फूल ही जीवन-मग में।
पुलकित होंय हृदय जन-जन के,
प्रेम सुधा रस बरसे जग में।।
कटुता, हिंसा छोड़ सत्य से,
हम जीवन को कुंदन कर लें।
जीवन बगिया में खुशियों के,
नाचें मन के मोर सदा।
मानव-मानव में रिश्तों की,
होवे दृढ़ हर डोर सदा।।
ईश्वर सारे दुखियाओं का,
नए वर्ष में क्रंदन हर लें।
नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
